नर्मदा के घाटों पर सुबह से स्नान-पूजा, जबलपुर और होशंगाबाद में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे

सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति पर बुधवार सुबह श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा के घाटों पर स्नान किया और पूजा-अर्चना की। होशंगाबाद और जबलपुर में मंगलवार से ही दूर-दराज के अंचलों से श्रद्धालु आने शुरू हो गए थे। यहां बुधवार को भी लोगों के आने का क्रम बना रहा। दोनों स्थानों पर सुबह से 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। संक्रांति में तिल लगाकर स्नान करने का विशेष महत्व होता है। 



स्थानीय प्रशासन ने बताया कि सुबह से अब तक होशंगाबाद के 4 घाटों पर सवा लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया है। भीड़ को देखते हुए मकर संक्रांति पर 6 अतिरिक्त ट्रेनों का स्टाॅपेज होशंगाबाद स्टेशन पर दिया गया है।नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालुओं ने होशंगाबाद के सेठानी घाट, कोरी घाट, ग्वाल घाट और पर्यटन घाट पर स्नान किया। 


जबलपुर के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ 


संक्रांति पर्व बुधवार को जबलपुर में भी जीवनदायिनी मां नर्मदा के तटों पर उल्लास के साथ मनाया गया। नर्मदा के ग्वारीघाट, उमाघाट, जिलहरीघाट, तिलवारा सहित भेड़ाघाट में एक लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया और पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं की संख्या देखते हुए पुलिस ने वाहन पार्किंग की व्यवस्था बनाई है। हालांकि कुछ लोगों ने मंगलवार को भी पुण्य स्नान कर पर्व को मनाया।


अक्षय पुण्य देने वाला पर्व है संक्रांति 
मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान के साथ ही भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। पदम पुराण के अनुसार, मकर संक्रांति में दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान सूर्य को लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, मसूर दाल, तांबा, स्वर्ण, सुपारी, लाल फूल, नारियल, दक्षिणा आदि देने का शास्त्रों में विधान है। 


 
शहर में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहा  
मकर संक्रांति के दिन प्रशासन ने शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। तहसीलदार शैलेंद्र बड़ोनिया ने बताया कि भारी वाहनों को सेठानीघाट तक नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस बल तैनात किया गया। मकर संक्रांति पर नगर पालिका द्वारा सेठानीघाट सहित अन्य जगहों पर अलाव जलाए गए।